ऑनलाइन कट्टरपंथ को Signal, Telegram पर रोकना बना चुनौती: सरकार
सुरक्षित ऐप्स और डार्क वेब का उपयोग कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए

भारत न्यूज़ लाइव
नई दिल्ली: कट्टरपंथी तत्वों द्वारा सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स जैसे Signal, Telegram, Viber, और डार्क वेब का इस्तेमाल करना भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऑनलाइन कट्टरपंथ को रोकने में बड़ी चुनौती बन गया है। राज्यसभा में गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि साइबर तकनीक का व्यापक उपयोग कट्टरपंथी विचारधारा फैलाने का मुख्य उपकरण बन चुका है।
NIA की जांच और गिरफ्तारियां
राय ने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) वर्तमान में ऑनलाइन कट्टरपंथ से संबंधित 67 मामलों की जांच कर रही है। इन मामलों में अब तक 325 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, 336 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है और 63 आरोपियों को दोषी ठहराया गया है।
साइबर पैट्रोलिंग और URL ब्लॉकिंग
सरकार ने बताया कि साइबर पैट्रोलिंग नियमित रूप से की जाती है ताकि कट्टरपंथी सामग्री और ऐसे तत्वों की पहचान हो सके जो युवाओं को लक्षित कर रहे हैं।
ऑनलाइन कट्टरपंथ रोकने के लिए बहु-स्तरीय प्रयास
गृह मंत्रालय के तहत भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र (I4C) को आईटी अधिनियम 2000 की धारा 79(3)(b) के तहत प्लेटफॉर्म्स से अवैध सामग्री हटाने के लिए ‘टेक डाउन नोटिस’ जारी करने का अधिकार दिया गया है।

सुरक्षित मैसेजिंग ऐप्स सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऑनलाइन कट्टरपंथ रोकने के लिए चुनौती
गृह राज्यमंत्री ने कहा कि Signal, Telegram, Viber, और डार्क वेब जैसे अधिक सुरक्षित प्लेटफॉर्म्स का उपयोग कट्टरपंथी तत्वों के लिए एक प्रभावी माध्यम बन गया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए ऐसे ऑनलाइन कट्टरपंथ को रोकना और अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है।
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