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उत्तराखंड में निवेश करने करेंगी बड़ी कंपनियां जिसमें आईटीसी 5 हज़ार करोड़ , महिंद्रा हॉलीडेज के साथ 1 हजार करोड़ ईं-कुबेर के साथ 1600 करोड़ करेगी ।

नवीनचंद्र कुरील(चीफ एडीटर,भारत न्यूज़ लाइव)
देहरादून। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के करटेन रेजर के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू किया गया। पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखण्ड को लेकर कितने ज़्यादा उत्सुक हैं
महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 45 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है इससे 1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे | पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है उत्तराखंड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार सम्भानाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें ना के बराबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य ह। चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है।इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है।राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है। शीघ्र ही केदारनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा। हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरीडोर का निर्माण के साथ हरकी पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती हेतु कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 09 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, एपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा,तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल(बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृतआदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है।उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है।इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।मुख्य सचिव डॉ एस. एस. संधु ने बताया कि उत्तराखण्ड निवेश के लिये उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टीनेशन हैं। दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास द्वारा यह दूरी शीघ्र ही ढाई घण्टे में पूरी होने वाली हैं। इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर,काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है। हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे है।अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के विभिन्न राज्यों की उद्योग एवं निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

निवेश, महिंद्रा हॉलीडेज के साथ 1000 करोड़ व ईं-कुबेर के साथ 1600

नवीनचंद्र कुरील( चीफ एडीटर,भारत न्यूज़ लाइव)
देहरादून। ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के करटेन रेजर के मौके पर आज आईटीसी ने 5000 करोड़ के निवेश का प्रस्ताव उत्तराखंड सरकार को दिया। महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड के साथ 1000 करोड़ और ई-कुबेर के साथ 1600 करोड़ रुपए के निवेश का एमओयू किया गया। पहले ही दिन इतने बड़े निवेश प्रस्ताव पर सहमति यह दिखाती है कि निवेशक उत्तराखण्ड को लेकर कितने ज़्यादा उत्सुक हैं
महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड उत्तराखण्ड में अगले तीन महीने में 1000 करोड़ के निवेश के साथ विभिन्न स्थानों पर 45 रिजोर्ट स्थापित करने जा रहा है इससे 1500 लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुलेंगे | पूरे देश में यह महिन्द्रा हॉलीडेज एण्ड रिसोर्ट इण्डिया लिमिटेड का किसी भी राज्य में सबसे बड़ा निवेश है उत्तराखंड में आगामी दिसम्बर माह में आयोजित होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर समिट को लेकर नई दिल्ली स्थिति होटल ताजमहल में कर्टेन रेजर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने डेस्टिनेशन उत्तराखण्ड-ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट-2023 के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उत्तराखण्ड एक युवा राज्य के रूप में तेजी से उभर रहा है जहां उद्योगों के लिए अपार सम्भानाएं हैं। राज्य में ईज आफ डूइंग बिजनेस के साथ-साथ पीस आफ डूइंग बिजनेस भी है उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत उद्योगों में श्रमिक असन्तोष की घटनायें ना के बराबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सुगम व्यवसायिक वातावरण तैयार करने के विजन के साथ सरकार काम कर रही है। राज्य में विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिये विशेष नीतियां लागू करने के साथ ही आकर्षक वित्तीय प्रोत्साहन की व्यवस्था की गई है। इन नीतियों में प्रमुख रूप से पर्यटन नीति-2023, एमएसएमई नीति-2023, स्टार्टअप नीति-2023, लॉजिस्टिक्स नीति-2023, निजी औद्योगिक आस्थानों की स्थापना हेतु नीति-2023 शामिल हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर हैं और राज्य में निवेश बढ़ाने में उनकी सबसे अधिक सहभागिता है। हमारी सरकार सरलीकरण, समाधान, निस्तारण और संतुष्टि के आधार पर कार्य कर रही है और यह तभी सम्भव है, जब उद्योग संघों से निरन्तर संवाद कर उनकी समस्याओं का समाधान किया जाए। उन्होंने कहा कि काशीपुर में अरोमा पार्क, सितारगंज में प्लास्टिक पार्क, काशीपुर में इलैक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर तथा अमृतसर कोलकाता इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना की दिशा में प्रभावी कदम उठाये गये हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पर्यटकों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु सभी स्थलों पर नवाचार के माध्यम से सुविधाओं का विकास किया जा रहा है निर्यात् को बढ़ावा देने के लिये भी नीति निर्धारित की गई है मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी पौराणिक स्थलों के विकास का हमारा लक्ष्य ह। चारधाम आदिकैलाश की भांति कुमाऊं क्षेत्र के मंदिरों का मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के तहत सर्किट बनाया जा रहा है।इसमें राज्य में धार्मिक पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि में कर्म करना हम सबका सौभाग्य है।राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्यमियों के अनुकूल है। उत्तराखण्ड का 71प्रतिशत भूभाग वनों से आच्छादित हैं। हेल्थ वेलनेस के साथ ऊर्जा का भी यह श्रोत है। उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के बाद आज भव्य केदार बन गया है। शीघ्र ही केदारनाथ एवं हेमकुण्ड साहिब के लिए रोपवे का निर्माण हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में गढ़वाल व कुमाऊं मण्डलों में एक-एक शहर बसाया जाएगा। हरिद्वार ऋषिकेश में गंगा कॉरीडोर का निर्माण के साथ हरकी पैड़ी की भांति महाभारत काल की भांति यमुना की भी आरती हेतु कालसी के पास हरिपुर में घाट निर्माण का शिलान्यास किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड ने राज्य में उत्पादित/निर्मित 09 उत्पादों में जीआई टैग हासिल किये हैं। इन जीआई टैगों में कुमांऊ ब्यूरो ऑयल, मुनस्यारी राजमा भोटिया दन, एपण रिंगाल, ताम्र उत्पाद, धुलमा,तेजपत्ता तथा बासमती चावल शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा नेटल(बिच्छू घास). पिछौड़ा, आर्टिस्टिक कैण्डल मुखौटा एवं मन्दिर प्रतिकृतआदि कुछ अन्य उत्पादों में जीआई टैग के लिये आवेदन किया गया है।उन्होंने कहा कि उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की ‘ईज आफ डूईंग बिजनेस’ रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में ( 8वें स्थान पर) शामिल है। जबकि नीति आयोग द्वारा जारी वर्ष 2022 के निर्यात तैयारी सूचकांक में उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में प्रथम स्थान पर, जबकि सम्पूर्ण देश में 9वें स्थान पर है। उद्योग संवर्द्धन और आन्तरिक व्यापार विभाग की LEADS रैंकिंग में वर्ष 2022 की रैंकिंग में उत्तराखण्ड राज्य एचीवर्स श्रेणी में शामिल है।इसी प्रकार स्टार्टअप रैंकिंग में ‘लीडर’ श्रेणी में शामिल है।मुख्य सचिव डॉ एस. एस. संधु ने बताया कि उत्तराखण्ड निवेश के लिये उद्यमियों के लिए बेहतर डेस्टीनेशन हैं। दिल्ली एनसीआर के नजदीक होने के नाते बेहतर सड़क सुविधाओं के विकास द्वारा यह दूरी शीघ्र ही ढाई घण्टे में पूरी होने वाली हैं। इसी प्रकार हरिद्वार, कोटद्वार, रूद्रपुर,काशीपुर, टनकपुर के लिए भी सड़क सुविधाओं से यहां की दूरी भी कम समय में तय हो सकेगी। पर्यावरण की दृष्टि से भी उत्तराखण्ड उद्योगों के अनुकूल है। हमारे प्रदेश में पानी का कोई विवाद नही हैं बिजली की पर्याप्त उपलब्धता है। राज्य के बेहतर इकोसिस्टम से लोग राज्य के प्रति आकर्षित हो रहे है।अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि राज्य में देश के विभिन्न राज्यों की उद्योग एवं निवेश से संबंधित नीतियों का अध्ययन कर नीति तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक उद्यमी राज्य से जुड़े, इसके लिए उद्योगों के अनुकूल नीतियां एवं सुविधाओं के विकास पर ध्यान दिया जा रहा है।

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